व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी के विद्वानों के बीच यह दलील चल रही है कि दिल्ली में पेट्रोल 101 रुपया भी हो रहा है तो विकास भी तो हो रहा है. तो क्या शहडोल और गंगानगर में भी दिल्ली से ज़्यादा विकास हो गया है? मध्य प्रदेश का शहडोल जिला देश के अति पिछड़े ज़िलों में आता है. यहां के लोग 111 रुपया 71 पैसे लीटर पेट्रोल ख़रीद रहे हैं. गंगानगर के लोग 112 रुपया 49 पैसा लीटर पेट्रोल ख़रीद रहे हैं. यह अहसास होना चाहिए कि पेट्रोल के दाम बढ़ने से आम लोगों पर कितना बोझ बढ़ा है. ऐसा है तो सरकार विज्ञापन छाप दे कि 110 रुपया लीटर पेट्रोल देश के लिए ज़रूरी है. जैसे टीकाकरण के विज्ञापन छापे जा रही है. एक अखबार के पहले पन्ने पर उत्तराखंड सरकार का विज्ञापन छपा है कि टीकाकरण अभियान तेज़ी से चल रहा है. उत्तराखंड सरकार कोरोना से सावधान है. एक दूसरे अखबार के भीतर उत्तराखंड की ही ख़बर छपी है कि पहाड़ के सेंटरों में तीन दिन से टीका नहीं है. नैनीताल में टीका ख़त्म. अखबार लिखता है कि टीका एक भी नहीं, धन्यवाद पोस्टर हर तरफ. फिर इस तरह के विज्ञापन का क्या मतलब रह जाता है. विज्ञापन का सच अलग है, खबरों का सच अलग है. आगे से टीका न मिले तो टीके की जगह विज्ञापन लगवा लें.
from Videos https://ift.tt/3ATs5ja
रवीश कुमार का प्राइम टाइम: विज्ञापन से नहीं होता जीवन यापन सरकार https://ift.tt/eA8V8J
By -
July 13, 2021
0
Tags:
Post a Comment
0Comments